बुधवार, 7 अगस्त 2013

वो भी कहीं सिसकती होगी .

तड़पता है  मेरा दिल उसके खातिर ,
वो भी कहीं  सिसकती  होगी .

सिमटता  हूँ मै जैसे वो मेरी बाँहों में हो  ,
वो भी यू   ही सिमटती  होगी।

छू  कर  आती है हवा जैसे  उसको ,
मेरी सांसो  में आने से पहले।।
वो  भी अहसास से  इस,
 यु  ही गुजरती होगी।

देखता  हु उसको मै जब भी बंद होती है मेरी आँखें ,
वो भी मेरे अक्श  को यु ही तरसती होगी।

      "aman mishra"
वो भी कहीं  सिसकती  होगी .

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