मंगलवार, 17 नवंबर 2015

yun hi

पहल कर
तू पहल कर
रुक मत ,  चल दे
सुन मत ,चल दे
मुस्कुरा तू , खिलखिला तू।
हर एक को गले लगाने की
  तू पहल कर।
पहल कर।



रातों रात पेड़ काट दिए, जंगल जला दिए। हम सोए रहे, नदिया सूखा दिए। वो चिड़िया अब रोती है, घोसले गवा दिए, कुछ आंखो में पानी लाओ, जो बोतल...