रविवार, 27 जनवरी 2013

खोना है बहुत कुछ ,कुछ खो के पाना है .

दुनिया  का ये दस्तूर पुराना है ,
खोना है बहुत कुछ ,कुछ खो के पाना है .

राहे हजार मिलेंगी ,मंजिल की तरफ .
बस सही राह चुन के मंजिल को पाना है .

खोना है बहुत कुछ ,कुछ खो के पाना है .

चाहत तो यहाँ सब माँगते ही रहते ,
किसी की चाहत को खुद के लिए पाना है .

खोना है बहुत कुछ ,कुछ खो के पाना है .

कहेंगे लाखो तुझे दुनिया पे एक बोझ ,
उन लाख को ,एक  नयी राह दिखाना है .

खोना है बहुत कुछ ,कुछ खो के पाना है .

न मिलेगी तुझे अपने दर्द की दावा इस दुनिया में ,
ज़माने का गम बस खुद से मिटाना है .

खोना है बहुत कुछ ,कुछ खो के पाना है .

रोना है तुझे बहुतो  के  जाने के बाद ,
सब याद करे तुझको ,कुछ ऐसा कर दिखाना है .

खोना है बहुत कुछ ,कुछ खो के पाना है .  .
                                                     "अमन मिश्र"  

note : चित्र गूगल से साभार

शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

तीन उपदेश

तोहे मई वो न कहु जो तुझको लगे मीठ.
अति प्रेम जो मन भयो , बुद्धि बनावे ठीठ....


देखन तेरो भीतरो , कोई यन्त्र न आये .
जो छुपावे तू आपनो , खुद ही बाहर आये .......


 सत्य कहु को न प्रिय लगे , मति जो फिर फिर जाये ..
सही सीख उहो यु लगे ,जैसे कटा दियो चुभाएँ ...........




     

मंगलवार, 1 जनवरी 2013

नव वर्ष

समस्त ब्लॉगर परिवार को मेरी तरफ से नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं . आशा है की नव वर्ष नए उत्साह का संचार करे और हमें अच्छे मार्ग पे आंगे बढने के लिए प्रेरित करे.........

रातों रात पेड़ काट दिए, जंगल जला दिए। हम सोए रहे, नदिया सूखा दिए। वो चिड़िया अब रोती है, घोसले गवा दिए, कुछ आंखो में पानी लाओ, जो बोतल...