शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

आज यूहिं  थोड़ी देर के लिए हम मित्रो में आपसी बात हुई और एक  मित्र ने मुझसे कहा की वैसे आप लिखते बहुत अच्छा है पर मुझे आपके लेखन में एक बात मुझे बहुत खटकती है की आप सिर्फ प्रेम या सौन्दर्य सम्बन्धी कविताये या लेख ही लिखते है, आज जबकि इस देश में में कई प्रकार के घोटाले , समस्याए आदि मौजूद है फिर भी आज तक आपने उनके बारे में कुछ नहीं कहा . मेरे मन में भी इसका एक  बढ़िया उत्तर आया की और इसे मै आपके साथ बताना चाहूँगा की देश की समस्याओ पर ध्यान केंद्रित करना एक बढ़िया कर्म है परन्तु किसी भी चीज की सार्थकता तभी तक ही होती है जब तक की वो अक निर्धारित सीमा के भीतर रहे, उसी प्रकार आज के सन्दर्भ में जब सभी लोग उस समस्या के निदान  खोजने में जुटे है , मै तो उन्हें अपने लेखों से बस उर्जा प्रदान कर रहा हु . आखिर क्रांति का प्रथम चरण प्रेम से ही सुरु होता है, जो प्रेम नहीं कर सकता वो क्रांति भी नही कर सकता है ,ऐसा मेरा मानना है . और आशा है की आप भी मेरे मत से सहमत होंगे।

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