काम का उन्माद नहीं ,
मन की उद्दंडता नहीं ,
चित्त में चंचलता नहीं ,
निर्मल भावों से भरा ,
प्यारा सा संसार चाहिए ...
मुझे प्यार चाहिए ........
बंधन न हो अश्रु के ,
नयन न रोके मुझे ,
गरिमा के बंधन से बंधा ,
भविष्य का निर्माण चाहिए ,
मुझे प्यार चाहिए ........ "अमन मिश्र "
मन की उद्दंडता नहीं ,
चित्त में चंचलता नहीं ,
निर्मल भावों से भरा ,
प्यारा सा संसार चाहिए ...
मुझे प्यार चाहिए ........
बंधन न हो अश्रु के ,
नयन न रोके मुझे ,
गरिमा के बंधन से बंधा ,
भविष्य का निर्माण चाहिए ,
मुझे प्यार चाहिए ........ "अमन मिश्र "
बढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
bhavapoorn rachana prastuti...badhai
जवाब देंहटाएंबिना दर्द और आँसू के कोई प्यार परवान ही नहीं चड़ता....
जवाब देंहटाएंसोच और भाव खूबसूरत है .......सादर
kripya ye word verief hata dijye ........comment karne mein bahut mushkil hoti hai
jab dil milta hai toh ansuo ka sehlav ata hi hai
जवाब देंहटाएंjo rishta isse par kar jaye wahi saccha kehlata hai