मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

ये एक काम कर चले हम...

ये  एक काम कर चले हम...
न हो सके तुझपे फ़िदा ,
न बन सके तेरी जुबान ,
कोई बात नहीं ...

चल तेरे साथ ही सफ़र कर चले हम....
ये  एक काम कर चले हम...

बनाने की ख्वाइश थी तेरी मुस्कान ;
मुस्कानों की वजह ,
 न बन सके कोई बात नहीं ..

चल तेरे गमो की दावा बन चले हम ...
बस  एक काम कर चले हम...

चाहा था तुझे पाने के लिए ,
तू न मिली कोई बात नहीं ,

 तेरी चाहत को तुझसे मिलाते है हम ..
ये एक काम कर चले हम ...

दूर है तू मुझसे हकीकत यही है ,
कोई बात नहीं ,

तेरे ख्वाबो में ही अपना घर बनाते है हम ..
चल एक काम कर चले हम ....
ये  एक काम कर चले हम...

                                         "aman mishra"

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