बुधवार, 27 नवंबर 2013

बस तुम चल दो।

मिला  दो   रंग  अपने  कुछ  इस  तरह कि,
 इंद्रधनुषी बन जाओ  तुम,
 गुजर  रही हो  दुनिया  जब गमो  कि बारिश ,
  में ,मुस्कुराते नजर आओ तुम।

हो नामुमकिन  कुछ तो मुमकिन ,
 तुम  कर  दो।
एक नयी उम्मीद फिर  आज़ सीने में,
तुम  भर दो।
बस चल दो तुम  ,
 चल दो।
एक नयी उम्मीद फिर  आज सीने में तुम भर दो।

तुम  चल दो। चल दो तुम बस।


"{AMAN MISHRA }
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