खोया था जो मैंने ,
वो पाया सा अब लगता है।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया अच्छी लगती है।
बातें निकलीं दिल से मेरे ,
दबीं कहीं थीं कोने में।
प्राण दिए तुमने मुझको ,
धड़कन धड़की शीने में।
लौटी है फिर सरगम की वो धुन,
रंग भरे लगते है सपने ,
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया रँगी लगती है।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया अच्छी लगती है।
पूरी होती लगती मुझको,
जीवन की मेरी अभिलाषा ,
आशाओ का नया ठिकाना ,
तुम हो मेरी परिभाषा।
सब कुछ तुमसे ,
अब तुम ही सब कुछ .
तुम ही मेरी मर्यादा।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
"अमन "तुम ही दुनिया लगते हो ।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया अच्छी लगती है।
वो पाया सा अब लगता है।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया अच्छी लगती है।
बातें निकलीं दिल से मेरे ,
दबीं कहीं थीं कोने में।
प्राण दिए तुमने मुझको ,
धड़कन धड़की शीने में।
लौटी है फिर सरगम की वो धुन,
रंग भरे लगते है सपने ,
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया रँगी लगती है।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया अच्छी लगती है।
पूरी होती लगती मुझको,
जीवन की मेरी अभिलाषा ,
आशाओ का नया ठिकाना ,
तुम हो मेरी परिभाषा।
सब कुछ तुमसे ,
अब तुम ही सब कुछ .
तुम ही मेरी मर्यादा।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
"अमन "तुम ही दुनिया लगते हो ।
मीत बने हो तुम जब से मेरे ,
ये दुनिया अच्छी लगती है।
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