रविवार, 6 अक्तूबर 2019

रातों रात पेड़ काट दिए, जंगल जला दिए।
हम सोए रहे, नदिया सूखा दिए।
वो चिड़िया अब रोती है,
घोसले गवा दिए,
कुछ आंखो में पानी लाओ,
जो बोतलों में ला दिए। - अमन मिश्रा

सोमवार, 24 सितंबर 2018

झूठ न भी कहूँ

झूठ न भी कहूँ तो एक झूठ कह जाता हूं,
तुझ जैसे है कई, जब तुझको मैं बताता हूँ।

फासले रखने के फैसले तो लिए मैंने बहुत,
देखता हूँ जो तुझको मैं खुद को भूल जाता हूँ।

अच्छा बुरा सोचना तो फितरत है उनकी,
मैं कहाँ इतना अमन सोच पाता हूँ ।

फिदा हों गए इस दरिया में कई यार दुनिया के,
बचूँगा मैं कब तक ये खुद को मैं बताता हूँ।

अमन मिश्र।

शनिवार, 10 मार्च 2018

आइये नजर डालते है

आइये नजर डालते है , एक नजर खुद पर ।
रास्तो में चलते हुए ,जो रास्ते बीत गए , उन पर,
आइये नजर डालते हैं। 

सीख जो मिली और यादें जो बनी,
दर्द जो हुआ, आरजू जो मिटी, उन पर
आइये नजर डालते हैं।

प्यार जो हुआ, प्यार जो किया,
मुस्कुराये हम, या गम जो हुआ, उन पर 
आइये नजर डालते हैं अमन खुद पर।

शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

तो कह देता हूँ

साथ खोने से डरता हूँ ,
तो कह देता हूँ,
मैं तुमपे जो मरता हूँ ,
तो कह देता हूँ।

नहीं है मंजिलो की खबर सिर्फ तुम हो,
मैं इनके रस्ते से डरता हूँ ,
तो कह देता हूँ।

कभी जो तुम ये जानो की ,तबियत है मेरी कैसी
तेरे रोने से डरता हूँ ,
तो कह देता हूँ।

कभी न कभी जाना है ,दूर
तुमको भी  मुझसे ,
मैं उस लम्हे से डरता हूँ ,
तो कह देता हूँ। अमन

शुक्रवार, 23 जून 2017

अब मैं सोना चाहता हूं

सुकून के साथ अब मैं सोना चाहता हूं,
किसने कहा तुझको मैं, तेरा होना चाहता हूं।

कर लिया प्यार और सुन लिया दिल को हमने,
बिखरी हुई जिंदगी को, अब पिरोना चाहता हूं।

देखा असर दुआओं का, मांगा बहुत तुझको,
फिर से अपने आप मे, मैं खोना चाहता हूं।

है जन्नत मेरी साथ तेरे,ये मालूम है मुझको ,
दोजख ही सही दुनिया ,पर मैं जीना चाहता हूं।
किसने कहा तुझको मैं, तेरा होना चाहता हूँ।।

सोमवार, 5 जून 2017

सुन लो

कहना सुनना बातो को ,
दिलो का ये भी किस्सा है,
जो बिन बोले समझ गए तुम,
प्यार का ये भी हिस्सा है।

रूठे तो मानों जग मेरा नही,
मेरा जग मुझसे कोई लूट गया,
आये जो हो जीवन मे तुम मेरे ,
मैं इस जग से ही रूठ गया।

सोमवार, 15 मई 2017

अपना बना लूंगा।

भर कर मांग मैं उसकी ,
उसे अपना बना लूंगा,
किया है एक वादा खुद से जो ,
मैं उसको निभा लूंगा  ।

मुझे मालूम है कि,
 ये दिल हर दम बहकता है,
मिलेगा एक कोना जो ,
उसे ही घर बना लूंगा।

कभी ये नही सोचा ,
कि उसको पा ही जाऊं मैं ,
मिले जो हाथ हाथो में,
उसे उससे चुरा लूंगा।

पता है की नही मेरी,
 वो फिर भी मैं ये कहता हूं,
मिलेगी जब भी अपनी सी ,
उसे अपना बना लूंगा।
अमन '' तेज''

रातों रात पेड़ काट दिए, जंगल जला दिए। हम सोए रहे, नदिया सूखा दिए। वो चिड़िया अब रोती है, घोसले गवा दिए, कुछ आंखो में पानी लाओ, जो बोतल...