शनिवार, 16 मार्च 2013

हे नाथ अब पीड़ा भारी,

हे नाथ अब
पीड़ा भारी,
रही पुकार
 दीन दुखियारी ...

देखन को
तडपे है अखीयाँ ,
छुवन को तडपे ये हाथ ..
नाथ कहाँ  हो ,दुःख हरो अब  ..
बीते न ये  काली रात ....

कब आओगे ,
धीर धरा सी ,
नहीं धीरता मुझमे ..
एक नदिया
 सी आशा है ,
 बस मिल
जाना है तुझमे ...

यही सोच अब ,
प्राण टिके है .
आओगे
हे  मेरे नाथ ...
ह्रदय धड़कता
 है बस मेरा ,
पाने को बस
तेरा साथ .............

ह्रदय धड़कता है बस मेरा ,
पाने को अब तेरा साथ .............





नोट चित्र गूगल से साभार

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